Erectile Dysfunction Treatment in Jaipur in Hindi | Vivan Hospital



नपुंसकता (Erectile Dysfunction): यदि सम्भोग के समय पुरुष के लिंग में वांछित टायट्नेस या सख़्ती होने से अपेक्षित सेक्स हो पाए जिससे एक या दोनो पार्ट्नर्ज़ को परेशानी हो या संबंधो में तनाव हो तो इस को नपुंसकता की स्थिति कहा जाता हे।

यदि कभी कभार ही ऐसी स्थिति हो तो इसका अर्थ ये नहीं कि पुरुष को नपुंसकता की समस्या हे।

आप को केवल इतनी कठोरता ही चाहिए जिस से सेक्स के लिए सुगमता से योनि में प्रवेश हो सके। सेक्स के दौरान कठोरता में थोड़ी कमी होना सामान्य बात हे परंतु यदि आप सेक्स प्रक्रिया को सुगमता से पूर्ण कर लेते हे तो चिंता कि कोई बात नहीं हे।



लिंग में सामान्य तौर पर कठोरता कैसे आती हे-
जब आप सेक्स के लिए सामान्य कामक्रीड़ा आरम्भ करते हे तो वांछित संदेश दिमाग़ की नाड़ियों से आपके लिंग में पहुँचता हे। इस से नाइट्रिक आक्सायड गैस बनती हे जिस से लिंग में रक्त संचार सामान्य से दस गुना तक बढ़ जाता हे। परिणाम स्वरूप लिंग का आकार बढ़ जाता हे। जब रक्त संचार व्यवस्था में ऐसा हो जाए कि रक्त लिंग में रहे पर वापिस शरीर में जा सके तो अधिकतम कठोरता जाती हे। सेक्स क्रिया पूरी होने पर रक्त संचार वापिस शुरू हो जाता हे और धीरे धीरे सारा अतिरिक्त रक्त शरीर में वापिस चला जाता हे।

ये समस्या कितने लोगों को होती हे-
हमारे देश में इस बारे में कोई विश्वसनीय आँकड़े नहीं हे परंतु अनुमान के अनुसार चालीस वर्ष तक के 40-50% लोगों में और सत्तर वर्ष की आयु तक के पुरुषों में से 70-80% को इस समस्या का सामना करना पड़ता हे।

मुख्य कारण-
- मनोवेज्ञानिक कारण जिनसे दिमाग़ में आवश्यक सेक्स संदेश ही पैदा नहीं होते जैसे डिप्रेशन, ऐंज़ाइयटी , चिंता , आत्मविश्वास की कमी या कोई डर।
रक्त संचार की कमी जैसे रक्त की नाड़ियों का सिकुड़ जाना तो आवश्यक रक्त की मात्रा ही सेक्स के समय लिंग में नहीं जा पाती ऐसे में लिंग में कठोरता आयेगी ही नहीं
उच्च रक्त चाप , मधुमेह और अनेक ऐसी सामान्य समझी जाने वाली बीमारियाँ
अनेक दवाओं के साइड इफ़ेक्ट
टेस्टास्टरोन हॉर्मोन की कमी
तम्बाकू , शराब या कोई अन्य नशा
मोटापा
 
डॉक्टर सेकब सम्पर्क करना चाहिए-
यदि आप लगातार तीन से चार सप्ताह तक कोशिश करने पर भी सेक्स कर पाए तो तुरंत सेक्सोलोजिसट से मिलो

कैसे इस के कारण का पता लगाया जा सकता हे-
- पूरी हिस्ट्री से मनोवेज्ञानिक कारण
- रक्त जाँच से हॉर्मोन , शुगर और अन्य बीमारियाँ पता लग जाती हे
- डाप्लर जाँच या अल्ट्रसाउंड से रक्त संचार का पता लगता हे।
- नाड़ियों की जाँच से नर्व्ज़ की बीमारी का पता लग जाता हे।
- एन॰पी॰टी॰- इस से ये पता लग जाएगा कि नपुसकता मनोविज्ञानी हे या शारीरिक कारण से

उपचार-
इस समस्या का उपचार सम्भव हे इसलिए यदि आप अपने जीवन में नपुंसकता का शिकार हे तो घबराये नहीं। इस को ठीक करने के कई तरीक़े हो सकते हे. यहाँ पढ़े!

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